नयी श्रेणी में जाने और नयी कापियों और पुरानी किताबों से आती विशेष गंध से लेखक का बालमन क्यों उदास हो उठता था?

नयी श्रेणी में जाने और नयी कापियों व पुरानी किताबों से आती गंध से लेखक का बालमन इसलिए उदास हो जाता था क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण उनके लिए हेडमास्टर एक बच्चे की पुरानी किताब लेकर आते थे। उन किताबों की गंध लेखक को बिलकुल पसंद ना आती और उनका मन उदास होने लगता था। इसके अलावा उन्हें लगता था कि आगे की श्रेणियों में पढ़ाई मुश्किल होती जाती है और नए मास्टरों की मार-पीट का भय उनके भीतर बैठ गया था। उनके अंदर कुछ ऐसी भावना भी थी कि अधिक अध्यापक एक साल में ऐसी अपेक्षा करने लगते हैं कि जैसे हम पढ़ाई में माहिर हो गए हो। अगर उनकी आशाओं पर खरे नहीं उतर पाए तो चमड़ी उधड़ने को तैयार रहेंगे। इन्हीं कुछ कारणों से केवल वही गंध ही नहीं बल्कि बाहर के बड़े गेट से दस-पंद्रह गज दूर स्कूल के कमरों तक रास्तों के दोनों ओर अलिआर के जो झाड़ उगे थे उनकी गंध भी लेखक का मन उदास किया करती। यही कुछ कारण थे कि लेखक का मन नयी कक्षा में जाने से कतराता था।


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